स्मृति' क्या है?


 'स्मृति' क्या है?

श्रुति की तरह स्मृति भी हिन्दू विधि का एक प्रमुख स्रोत है। स्मृति का शाब्दिक अर्थ है 'जो कुछ याद रखा गया' अर्थात् जो कुछ स्मरण में है। हमारे ऋषि मुनियों ने देव वाणी का श्रवण किया और इस देव वाणी का वेदों में समापन किया। इस प्रकार स्मृतियाँ ऋषि-मुनियों की स्मृति पर आधारित है। जैमिनी के अनुसार-स्मृतियाँ उन्हीं ऋषि मुनियों द्वारा संकलित की गई है जिन पर वेद प्रकट हुए थे।

स्मृतियाँ दो प्रकार की हैं-धर्मसूत्र और धर्मशास्त्र। महर्षि गौतम, बौधायन, आपस्तम्ब, वशिष्ठ, विष्णु, हरित आदि द्वारा धर्मसूत्रों की रचना की गई है, जबकि मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, नारद स्मृति आदि प्रमुख धर्मशास्त्र हैं। मनुस्मृति में रूढ़ि को प्रमुख स्थान दिया गया है। याज्ञवल्क्य स्मृति में मूल और प्रकिया विधि दोनों के नियमों की विवचेना की गई है। नारद स्मृति में केवल व्यवहार खण्ड है, आचार और प्राथमिकता नहीं है।

कानून का अध्ययन

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