उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 2019 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । [ [ Explain the main characteristics of Consumer Protection Act , 2019. ]
प्रश्न 1. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 2019 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
[ [ Explain the main characteristics of Consumer Protection Act , 2019. ] उत्तर - भारत में प्रथम बार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सन् 1986 पारित किया गया जो लगभग 34 वर्षों तक प्रभाव में रहा । देश , काल एवं परिस्थितियों में बदलाव आने से जब यह अधिनियम अनुपयोगी लगने लगा तो सन् 2019 में नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया ।
इस अधिनियम की कतिपय प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित हैं
1. इस अधिनियम की विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है । पूर्व अधिनियम जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू नहीं था ।
2. इस अधिनियम में 8 अध्याय एवं 107 धारायें हैं ।
3. इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य- ( i ) उपभोक्ता के हितों को संरक्षण प्रदान करना तथा .
( ii ) उपभोक्ता - विवादों का त्वरित निपटारा , करना है ।
4. इस अधिनियम की विभिन्न धारायें विभिन्न तारीखों से लागू की गई
5. धारा 2 में कुल 47 शब्दों की परिभाषाएँ दी गई हैं ।
6. इस अधिनियम में केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ( Central Consumer Protection Authority ) की नई व्यवस्था की गई है ।
7. नये अधिनियम में जिला उपभोक्ता मंच के स्थान पर जिला उपभोक्ता आयोग बनाया गया है जिसे ' जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ' नाम दिया गया है ।
8. जिला उपभोक्ता आयोग को ' एक करोड़ रुपये ' तक के मूल्यांकन वाले मामलों की सुनवाई की अधिकारिता प्रदान की गई है । पहले यह मात्र बीस लाख रुपये तक की थी ।
9. जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्यों के लिए निम्नांकित अर्हताएँ निर्धारित की गई हैं
( i ) 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर लिया जाना ,
( ii ) किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का स्नातक ( Graduate ) होना तथा
(iii) शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ होना ।
10. जिला उपभोक्ता आयोग को अन्तरिम आदेश ( Interim Order ) पारित करने की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं ।
11. जिला उपभोक्ता आयोग को विचारण के दौरान सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 के अन्तर्गत सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं ।
12. जिला उपभोक्ता आयोग को कतिपय मामलों में पुनर्विलोकन ( Review ) की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं ।
13. नये अधिनियम में ' मध्यस्थता ' ( Mediation ) द्वारा मामलों के निपटारे की व्यवस्था की गई है ।
14 , राज्य उपभोक्ता आयोग में कम से कम एक महिला सदस्य या अध्यक्ष का होना अनिवार्य कर दिया गया है । 15. राज्य उपभोक्ता आयोग के लिए निम्नांकित अर्हतायें निर्धारित की गई हैं-
( i ) 40 वर्ष की आयु पूर्ण कर लिया जाना ,
( ii ) किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का न्यूनतम स्नातक होना तथा
( iii ) जिला न्यायालय में पीठासीन अधिकारी का न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव होना ।
16. राज्य उपभोक्ता आयोग की अधिकारिता एक करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के मूल्यांकन वाले मामलों तक कर दी गई है । पहले यह बीस लाख से एक करोड़ रुपये तक की थी ।
17. राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति हेतु एक चयन समिति के गठन की व्यवस्था की गई है जिसमें निम्नांकित व्यक्ति होंगे
( i ) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या उसके द्वारा नाम निर्दिष्ट कोई न्यायाधीश : अध्यक्ष
( ii ) राज्य सरकार के उपभोक्ता मामलों का प्रभारी सचिव : सदस्य
( iii ) राज्य सरकार के मुख्य सचिव द्वारा नामनिर्दिष्ट व्यक्ति : सदस्य
18. राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की पदावधि ( Term of office ) चार वर्ष या पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त करने तक की , इनमें से जो भी पूर्व हो , होगी
। 19. राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की अधिकारिता दस करोड़ रुपये से अधिक के मूल्यांकन वाले मामलों तक की कर दी गई है ।
20. राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की पदावधि निम्नानुसार कर दी गई है
( i ) अध्यक्ष की दशा में पाँच वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक इनमें से जो भी पहले हो , तथा
( ii ) सदस्य की दशा में पाँच वर्ष या 68 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक इनमें से जो भी पहले हो ।
21. राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग को निम्नांकित शक्तियाँ प्रदान की गई हैं ( i ) पुनर्विलोकन की शक्तियाँ ,
( ii ) एक पक्षीय आदेश को अपास्त करने की शक्तियाँ ,
( iii ) मामलों के अन्तरण की शक्तियाँ एवं
( iv ) अपीलीय शक्तियाँ ।
22. जिला उपभोक्ता आयोग , राज्य उपभोक्ता आयोग एवं राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में परिवाद संस्थित करने की अवधि वाद - हेतुक उत्पन्न होने की तारीख से दो वर्ष निर्धारित की गई है ।
23. अधिनियम में मध्यस्थता का एक नया अध्याय जोड़ा गया है ।
इस प्रकार इस अधिनियम की अनेक महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ हैं ।
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